गुंजन सक्सेना (Gunjan Saxena Movie Review)

ऐसा बहुत कम लोगों के साथ होता है कि जो सपना वह बचपन में देखें और जवानी तक उसे जीते चला जाए। गुंजन को जो बचपन में एहसास होता है। उसे, उसी अहसास से प्रेम हो जाता है, सपने का असलियत में तब्दील होने तक वह उसे कभी भी खुद से अलग नहीं करती है।
गुंजन पढ़ने में अव्वल है। माता पिता और भाई से उसको हमेशा सपोर्ट मिला। पर जब उसे उसके सपने पूरे करने की बात आई तो पिता अकेला उसके साथ खड़ा मिला। कुल मिलाकर गुंजन की परवरिश एक संतुलित माहौल में होता है। पर पिता की गुंजन पर विशेष कृपा हमेशा बनी रहती है।
पिता आर्मी ऑफिसर है पर फिर भी अपने परिवार के साथ काफी धीमी आवाज में बात करता है। हर परिस्थिति में उसे अपने परिवार को संभालने की कला मालूम है। पिता का बेटी की तरफ ज्यादा झुकाव है। पर वर्तमान समय को देखते हुए वह जायज प्रतीत होता है।

आपने अगर सेना पर बनी हिंदी फिल्में देखी होंगी तो आपको यह फिल्म देखते ही अंदाजा लग जाएगा कि आगे क्या होने वाला है।
ड्रामे से रंगी इस फिल्म में छोटे-छोटे डायलॉग्स हल्का सा झटका देकर आगे निकल जाती है। पिता द्वारा बेटी को सपोर्ट करने का तरीका आप को सुकून देगा।
गुंजन सक्सेना जो पायलट बनना चाहती है उसका एक भाई है जो उससे बहुत प्यार करता है और उसे उसकी सुरक्षा की चिंता है।
दूसरी तरफ उसका पिता है जो उससे बहुत प्यार करता है और उसे उसकी आजादी की फिक्र है।

फिल्म गुंजन सक्सेना, एक भारतीय महिला एयर फोर्स ऑफिसर की कहानी जरूर है, पर काफी मनोरंजक ढंग से पेश की गई है। पूरे परिवार के साथ समय निकालकर यह फिल्म देखनी चाहिए। फिल्म सभी लोगों को पसंद आएगी। खासकर एक पिता और बेटी को।

फिल्म गुंजन सक्सेना के कुछ डायलॉग्सः
1. पिता : प्लेन लड़का उड़ाए या लड़की, उसे पायलट ही बोलते हैं।
2. पिता : जब प्लेन को कोई फर्क नहीं पड़ता, कि उसे कौन उड़ा रहा है तो तुम्हें क्यों पड़ता है, बरखुरदार?
3. डर, अक्सर गलती करवाता है।
4. गुंजन : सर, मुझे इज्जत देने से आप लोगों की इज्जत कम नहीं होगी, यकीन मानिए।
5. गुंजन : आपकी यह नकली मर्दानगी आप लोगों को मुबारक हो, जय हिंद।
6. पिता : तू वही करने जा रही है जो ये दुनिया हरेक लड़की से उम्मीद करती है। कि अपने सपनों को छोड़-छाड़कर, सेटल हो जाए।
7. पिता : दुनिया मुश्किल है औरतों के लिए, पर उसका हल पिंजरे में कैद हो जाना नहीं है, पिंजरा तोड़ के उड़ जाना है।
8. पिता : तेरी शादी का ख्याल सिर्फ तेरी नहीं, हम दोनों की हार है।

क्यों देखें फिल्म गुंजन सक्सेना ?
1. भारतीय महत्वकांक्षी लड़की की बायोग्राफी।
2. मनोरंजक।
3. पिता का बेटी पर अटूट विश्वास का चित्रण।
4. अप्रत्याशित संवाद ( dialogues)।
5. सुंदर पहाड़ और घाटियों का भ्रमण।
6. कर्णप्रिय उत्साहवर्धक संगीत।
7. मासूम नया चेहरा।
8. भाई का जन्म जात भ्रम।
9. फौज में महिलाओं से भेदभाव।
10. प्रेरक।
11. जुझारूपन का प्रदर्शन।
12. स्वस्थ पारिवारिक ड्रामा।

एक दिलचस्प प्रसंग :
पिता और बेटा दोनों आर्मी ऑफिसर हैं। पिता बेटे को पहली बार शराब ऑफर करता है। संवाद आगे बढ़ता है,और बेटे की बातों को सुनने के बाद, पिता कहता है : “मुझे लगता है कि तुम्हें शराब नहीं पीनी चाहिए”।

Story Beyond the Film :
गुंजन सक्सैना पूरे कारगिल युद्ध के दौरान कार्यरत रहीं। 40 से अधिक मिशनों को अंजाम देकर उन्होंने कारगिल युद्ध में भारत को जीत दिलाने में योगदान दिया। उन्हें कैजुअलिटी इक्वैक्युएशन (casuality evacuation) , भारतीय सैन्य टुकड़ियों को राहत पहुंचाने और कारगिल घाटी में पाकिस्तानियों का ठिकाना पता करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
Flight Lieutenant Gunjan Saxena Touched The Sky With Glory and Paved The Way For Equality In The Skies. Currently there are 1625 women officers serving in the Indian Air Force.
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